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Environment Of Pollution

प्रदूषण (Pollution) 'वातावरण के अंश(Components) में होने वाले अनावश्यक एवं अवांछनीय बदलाव को जो जीवधारियों पर विपरीत प्रभाव डालते हैं, उसे प्रदूषण (Pollution) कहते हैं।

ऐसे पदार्थ जो उद्योगों में उपजात (By product) के रूप में अथवा मनुष्य के द्वारा प्रयुक्त पदार्थों के अवशेष के रूप में उत्पन्न होते हैं, जो वातावरण में पहुँचकर वातावरण को  दूषित करते हैं, ऐसे पदार्थों को प्रदूषक कहते हैं। 

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निम्नीकृत प्रदूषक (Degradable pollutants)

अनिम्नीकृत प्रदूषक (Non-degradable pollutants)

 Degradable pollutants निम्नीकृत प्रदूषक 

इसमें मल-कूड़ा-करकट आदि जैव कार्बनिक पदार्थ आते हैं, जो प्रकृति के द्वारा सरल यौगिकों में अपघटित होते रहते हैं। इसकी मात्रा अधिक होने पर इनके अपघटन की दर कम हो जाती है, तब यह जल, मृदा तथा वायु को प्रदूषित कर मानव तथा उसके आर्थिक महत्व के जीवों में अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं।

 Non-degradable pollutants अनिम्नीकृत प्रदूषक 

इसमें अनेक प्रकार के रसायन समाविष्ट होते हैं, जो उद्योग से अपशिष्ट पदार्थों के रूप में निकलते हैं या दैनिक जीवन के उपयोग में आने वाले रसायनों के अवशेष के रूप में बचते हैं। ये पदार्थ जल व मृदा से खाद्य पदार्थों के साथ जीव शरीर में पहुँचकर हानिकारक लक्षण उत्पन्न करते हैं।

प्रदूषण (Pollution) निम्न प्रकार का होता है-

1. वायु प्रदूषण (Air pollution), 2. जल प्रदूषण (Water pollution), 3. ध्वनि प्रदूषण (Noisepollution), 4. रेडियोधर्मी प्रदूषण (Radio-active pollution)।

what is air pollution वायु प्रदूषण 

वायुमंडल  में लगभग 78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सीजन, 0.3% कार्बन डाइ-ऑक्साइड तथा बाकि गैसें उपस्थित होते हैं। इनकी निश्चित मात्रा से वातावरण का सन्तुलन बना रहता है, लेकिन यदि वायु में किसी गैस अथवा अवयवों की मात्रा बढ़ती है, तो वातावरण असन्तुलित हो जाता है, जो जीवों के लिए हानिकारक होता है। इसे वायु प्रदूषण (Air pollution) कहते हैं।

वायुमण्डल की गैसें जीवधारियों में चक्रीय उपभोग के द्वारा निश्चित अनुपात में बनी रहती हैं। जीवधारियों द्वारा O₂ श्वसन द्वारा ग्रहण किया जाता है तथा CO₂ छोड़ा जाता है। CO₂ को पौधे प्रकाश संश्लेषण में ग्रहण कर O₂ बाहर निकालते हैं। इससे वायुमण्डल में CO₂ और O₂ का सन्तुलन बना रहता है। आज वन काटे जा रहे हैं, अत: CO₂ का उपयोग नहीं हो पाता, जिससे वायुमण्डल में CO₂ की मात्रा बढ़ जाती है। इसी प्रकार औद्योगीकरण से वातावरण अशुद्ध होता है। विभिन्न कारखानों से अनेक प्रकार की गैसें तथा धुआँ निकलता है, जिसमें CO₂ CO, SO2, Cl2, सिलिकॉन टेट्राक्लोराइड आदि गैसें प्रमुख होती हैं। इससे वायु का सन्तुलन बिगड़ जाता है और प्रदूषण होता है। SO₂ पौधों के स्टोमेटा के माध्यम से पत्तियों में  जाकर क्लोरोफिल को ख़त्म कर देता है, जिससे प्रकाश- संश्लेषण की क्रिया रुक जाति हैं। इसके आलावा SO, वायु उपस्थित नमी से क्रिया कर H₂SO₄ निर्माण करती है। जो जीवों के ऊतकों को ख़त्म  करता है। CO₂ व CO श्वसन पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। इससे श्वास सम्बन्धी रोग होता है।

विभिन्न वाहनों से कई प्रकार की गैसें निकलती हैं, जो वातावरण को प्रदूषित करती हैं। कूड़ा-करकट, मल-मूत्रों से निकली दुर्गन्धमय विषैली NH, युक्त गन्ध वातावरण में फैलकर वातावरण को दूषित करती है। धुएँ में उपस्थित सीसा जन्तु शरीर में रोग उत्पन्न करती है।

Causes of Air Pollution (वायु प्रदूषण के कारण) 

 Dust Smoke धूल  एवं धुआँ 

धूल के कण वायु को प्रदूषित करते हैं, जिससे श्वसन क्रिया द्वारा धूल के कण फेफड़ों में पहुँचकर विसंगतियाँ उत्पन्न करते हैं। इसी प्रकार कोयले के जलने से विभिन्न कारखानों की चिमनियों से धुआं निकलता है, जिसमें कार्बन, CO एवं CO₂ तथा NO होते हैं। इसके अलावा धुएँ में सीसा, पारा, जिंक, ताँबा आदि के सूक्ष्म कण और SO2, H₂O तथा हाइड्रोजन फ्लोराइड उपस्थित होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। जेट विमानों से ऐरोसोल का निकलता है। जो फ्लूरो-कार्बन (Fluoro carbon) होता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है।

 Gases from Automobiles 

स्वचालित वाहन से निकलने वाली गैसें मोटर, ट्रक, बस, स्कूटर, ट्रैक्टर आदि से पेट्रोल व डीजल के जलने से CO, CO2, SO2, NO, सीसा (Pb) तथा विषैली गैसें वायुमण्डल को दूषित करती है। मोटर गाड़ी के धुएँ से निकलने वाले दो घटक नाइट्रोजन ऑक्साइड एवं हाइड्रोकार्बन सूर्य के प्रकाश में क्रिया करके विषाक्त फोटोकेमिकल स्मग (Photochemical smug) बनाते हैं। सूर्य की किरणें नाइट्रोजन ऑक्साइड + हाइड्रोकार्बन पराबैंगनी विकिरण परॉक्सी-ऐसीटाइल नाइट्रेट (PAN) + ओजोन (0)

 Insecticides कीटनाशक दवाएँ 

पौधों को रोगमुक्त करने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाता है। इससे विषैला रसायन वायु में मिलकर शरीर कार्यिकी पर प्रभाव डालते हैं।

Radioactive elements रेडियोऐक्टिव तत्व 

 रेडियोऐक्टिव तत्व जैसे- यूरेनियम, रेडियम और स्ट्रांसियम आदि से निकलने वाली गैसें वायु को प्रदूषित करती हैं।

Effects of Air pollution वायु प्रदूषण के प्रभाव 

1. नाइट्रोजन ऑक्साइड व SO₂ से कैंसर, हृदय रोग, श्वास सम्बन्धी और डायबिटिज (Diebetes) जैसे रोग हो जाते हैं।

2. परॉक्साइड एक म्यूटाजेनिक एजेंट (Mutagenic) है, जो मनुष्य में उत्परिवर्तन को उत्प्रेरित करता है। 

3. PAN और ओजोन अत्यधिक विषाक्त पदार्थ हैं, जिसके वजह से आँखों से आँसू निकलने लगता है और श्वास लेने में कठिनाई होती है। ये पौधों को भी हानि पहुँचाते हैं। ओजोन की उपस्थिति में पौधों में तेजी से श्वसन होने लगता है, जिससे भोजन की कमी हो जाती है। इसी प्रकार PAN प्रकाश-संश्लेषण (Photosynthesis) को अवरुद्ध करता है। इस प्रकार भोजन की कमी से पौधे मर जाते हैं।

4. CO से रक्त जहरीला (Blood poisoning) हो जाता है, जिससे सिर दर्द, घबराहट, श्वास में परेशानी और मृत्यु हो सकता  है।

 वायु प्रदूषण पर रोकथाम 

1. कारखानों की चिमनियों की ऊँचाई अत्यधिक होनी चाहिए तथा उनसे निकलने वाले धुएँ के कणों को इकट्ठा करने के लिए फिल्टर लगाने चाहिए।

2. सीसा, पारा तथा ऑर्गेनोक्लोरीन (Organo-chlorine) आदि कीटनाशी यौगिकों को इस तरह के सह-उत्पाद (By products) में बदलकर उपयोग करना चाहिये, जिससे वे पेड़-पौधों तथा जीव-जन्तुओं के जौवन को कम नुकसान पहुंचाएँ।

3. धूम्रपान पर पूर्ण नियंत्रण होना चाहिये।

4. अधिक-से-अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिये।


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