आज के पोस्ट में हम आपको "How to learn Tally" के बारे में सरल और आसान भाषा में पूरी, प्रैक्टिकल जानकारी दे रहें हैं —कौन सीखे,
क्यों सीखे, क्या-क्या आता है, करियर में कैसे फायदा होता है, और सीखने का
रोडमैप भी।
तो चलिए How to learn Tally
Who should learn Tally? टैली किसे सीखनी चाहिए?
1. कॉमर्स/एकाउंटिंग के छात्र – 11वीं–12वीं, B.Com, M.Com, CA/CS/CMA फाउंडेशन वाले।
2. जॉब की तैयारी करने वाले – अकाउंट्स एग्जिक्यूटिव, बुक-कीपर, GST एक्जिक्यूटिव, बैक-ऑफिस
प्रोफाइल।
3. बिज़नेस ओनर/दुकानदार – बिलिंग, स्टॉक, पार्टी लेजर, GST रिटर्न खुद मैनेज करना चाहते हों।
4. फ्रीलांसर/होम-प्रैक्टिस – छोटे व्यापारियों के अकाउंट्स संभालकर अर्निंग करना
चाहते हों।
5. ERP/Accounts में करियर शिफ्ट करने वाले – Excel जानते हैं और अब सॉफ्टवेयर-आधारित अकाउंटिंग सीखना चाहते
हैं।
What is the benefit of learning tally? टैली सीखने से क्या फायदा?
फटाफट बिलिंग और बुक-कीपिंग: सेल्स/परचेज एंट्री, इनवॉइस, ई-वे
बिल/ई-इनवॉइस इंटीग्रेशन (जहाँ लागू), बैंक रीकंसिलिएशन।
GST/TDS कम्प्लायंस आसान: GSTR रिपोर्ट्स निकालना, इनपुट-आउटपुट टैक्स देखना, टैक्स लेजर
ऑटो-कैल्कुलेशन।
इन्वेंटरी कंट्रोल: स्टॉक आइटम, गोडाउन, बैच/सीरियल, मिन-मैक्स लेवल, प्राइस-लिस्ट, ऑर्डर-टू-इनवॉइस फ्लो।
पेरोल मैनेजमेंट: सैलरी, अटेंडेंस,
अलाउंसेज़/डिडक्शन, PF/ESI रिपोर्ट्स।
बिज़नेस इनसाइट: बैलेंस शीट, P\&L, कैश-फ्लो, रेशियो—निर्णय
लेना आसान।
कैरियर ग्रोथ: अकाउंट्स एग्जिक्यूटिव/ऑफिसर, GST एक्सपर्ट, इन्वेंटरी/स्टोर
इन-चार्ज, जूनियर ऑडिटर जैसी
भूमिकाएँ।
कम लागत में स्किल: सीखना आसान, सेटअप हल्का, छोटे-मोटे
लैपटॉप/पीसी पर भी चलता है।
Eligibility सीखने के लिए बेसिक योग्यता
कंप्यूटर/कीबोर्ड की सामान्य समझ
बेसिक अकाउंटिंग कॉन्सेप्ट: डेबिट-क्रेडिट, लेजर, वाउचर, ट्रायल बैलेंस।
GST के मूल नियमों का परिचय (सीखते-सीखते भी आ जाएगा)
एक्सेल की बेसिक समझ (फायदे की चीज़)
What do we learn in Tally? टैली में क्या-क्या सीखते हैं? (सिलेबस का आसान खाका)
1. कंपनी बनाना: कंपनी इन्फो, फाइनेंशियल ईयर,
सिक्योरिटी।
2. मास्टर्स:
लेजर: कैश, बैंक, कैपिटल, परचेज, सेल्स, कस्टमर/सप्लायर (सन्ड्री डेब्टर्स/क्रेडिटर्स),
टैक्स लेजर (CGST/SGST/IGST), राउंड-ऑफ।
स्टॉक: स्टॉक ग्रुप/क্যাটेगरी/आइटम,
यूनिट्स, गोडाउन।
3. वाउचर एंट्री:
अकाउंटिंग: Contra, Payment, Receipt, Journal, Sales, Purchase,
Credit/Debit Note.
इन्वेंटरी: Delivery Note, Receipt Note, Stock Journal, Physical
Stock.
4. GST/TDS: टैली में टैक्स कॉन्फ़िगरेशन, टैक्सेबल/एग्जेम्प्ट आइटम, HSN/SAC, ई-इनवॉइस/ई-वे बिल वर्कफ़्लो (जहाँ लागू), TDS सेक्शन सेट-अप और कटौती।
5. बैंकिंग: बैंक रीकंसिलिएशन, UPI/NEFT/RTGS एंट्री का व्यवहार।
6. पेरोल: कर्मचारी मास्टर्स, पेज़-स्ट्रक्चर,
सैलरी प्रोसेसिंग, PF/ESI स्टेटमेंट।
7. रिपोर्टिंग: ट्रायल बैलेंस, P\&L, बैलेंस शीट, स्टॉक समरी,
एजिंग एनालिसिस, रेशियो एनालिसिस।
8. सेक्योरिटी/बैकअप: यूज़र राइट्स, पासवर्ड, डेटा बैकअप/रिस्टोर।
30-Day Learning Roadmap 30-दिन का सीखने का रोडमैप (प्रैक्टिकल-फर्स्ट)
First week सप्ताह 1
इंटरफ़ेस समझें: Gateway of Tally, मेन्यू, शॉर्टकट्स।
कंपनी बनाएं, लेजर/स्टॉक
मास्टर बनाना सीखें।
बेसिक वाउचर: Contra/Payment/Receipt/Journal।
Second week सप्ताह 2
Sales/Purchase, Debit/Credit Note का पूरा चक्र।
स्टॉक इन/आउट, Godown ट्रांसफर,
Stock Journal।
बैंक रीकंसिलिएशन की प्रैक्टिस।
Third Week सप्ताह 3
GST सेट-अप: टैक्सेबल/नॉन-टैक्सेबल आइटम, HSN, इनवॉइस प्रिंट लेआउट।
GSTR रिपोर्ट्स देखना; एरर-हैंडलिंग (गलत टैक्स/गलत लेजर की पहचान)।
Fourth Week सप्ताह 4
पेरोल बेसिक्स (यदि ज़रूरत हो)।
पूरी मॉक कंपनी: ओपनिंग बैलेंस से महीने भर की सेल्स/परचेज, खर्चे, बैंकिंग—फिर रिपोर्ट्स जनरेट करें।
बैकअप/रिस्टोर, यूज़र-रोल,
पासवर्ड सेट करें।
रोज़ 10–15 रैंडम एंट्री
अपने-आप सोचकर डालें—यही सबसे तेज़ी से हाथ बैठाता है।
Useful for real life असली-ज़िंदगी के उपयोगी उदाहरण
शॉप/डीलर: परचेज ऑर्डर → परचेज बिल → सेल्स बिल → रिटर्न/क्रेडिट-नोट → दिन के अंत की कैश/UPI मिलान।
सर्विस फर्म: सर्विस इनवॉइस (SAC), एडवांस रिसीप्ट, TDS डिडक्शन, आउटस्टैंडिंग एजिंग।
मैन्युफैक्चरिंग/वर्कशॉप: BOM (यदि लागू),
स्टॉक जर्नल से कच्चा-माल → फिनिश्ड गुड्स, जॉब-वर्क इन/आउट।
फ्रीलांस अकाउंटेंट: 3–5 छोटे बिज़नेस के
मासिक बुक्स, GST वर्किंग, बैंक रीकंसिलिएशन, MIS रिपोर्ट।
Career & Opportunities in Tally करियर और अवसर
पद: Accounts
Executive, Junior Accountant, GST Executive, Store/Inventory Executive, Payroll
Assistant, Accounts Admin.
काम का दायरा: डेटा-एंट्री से
लेकर रिपोर्टिंग/कम्प्लायंस तक।
विकास पथ: 1–2 साल में Sr.
Accountant/Analyst; आगे चलकर MIS/Finance
Coordinator, या ERP/Taxation स्पेशलाइज़ेशन।
फ्रीलांस/पार्ट-टाइम: लोकल दुकानों/स्टार्टअप्स के लिए मंथली
अकाउंट्स—इनवॉइसिंग, बैंकिंग,
GST सहायता।
नोट: सैलरी/फीस शहर, इंडस्ट्री और आपके स्किल-सेट पर निर्भर करती है—Excel, GST समझ, और कम्युनिकेशन स्किल जितना मजबूत, ग्रोथ उतनी तेज़।
टैली बनाम सिर्फ़
Excel – क्यों टैली बेहतर?
ऑटो-पोस्टिंग**: वाउचर डालते ही लेजर/रिपोर्ट अपडेट।
टैक्स/इन्वेंटरी इंटीग्रेशन: GST, यूनिट, बैच, रेट—सब एक जगह।
रिपोर्टिंग सेकंडों में: P\&L, बैलेंस शीट, स्टॉक, एजिंग—कोई मैन्युअल पिवट नहीं।
डेटा-इंटीग्रिटी/यूज़र-रोल: एंट्री से रिपोर्ट तक कंट्रोल।
(Excel की ज़रूरत खत्म नहीं होती—रिपोर्ट कस्टमाइज़ेशन/एनालिसिस के
लिए दोनों साथ-साथ चलें।)
Common mistakes and their avoidance आम गलतियाँ और उनसे बचाव
लेजर गलत ग्रुप में: जैसे कस्टमर को “Sundry Debtors” के बजाय “Misc. Expenses” में डाल देना—रिपोर्ट गड़बड़ हो जाती है।
GST लेजर/रेट मिसमैच: HSN/SAC और टैक्स रेट
ठीक से सेट करें; नॉन-GST आइटम अलग रखें।
नैरेटेशन खाली: छोटी-सी डिटेल आगे चलकर समय बचाती है।
बैंक/कैश मिलान टालना: हर हफ्ते Reco कर लें—महीने के अंत में पहाड़ नहीं बनेगा।
बैकअप न लेना: नियमित बैकअप/रिस्टोर की आदत डालें।
इंटरव्यू/जॉब-रेडी बनने के टिप्स
50–100 प्रैक्टिस वाउचर का पोर्टफोलियो स्क्रीनशॉट रखें (सेल्स,
परचेज, GST, बैंक Reco, P\&L)।
शॉर्टकट्स (जैसे Alt+C, Alt+A, Alt+2, Ctrl+Vouchers) बोलकर दिखाएँ—प्रैक्टिकल नॉलेज झलकता है।
मिनी-केस स्टडी: “XYZ ट्रेडर्स” का एक महीने का सेट—ओपनिंग बैलेंस, 25–30 ट्रांजैक्शन, GST वर्किंग, रिपोर्ट्स।
How to learn while sitting at home? घर बैठकर कैसे सीखें? (बिना जटिलता)
1. टैली ट्रायल/एजुकेशनल मोड में अभ्यास करें।
2. एक मॉक बिज़नेस बनाएं—5–8 आइटम,
4–5 कस्टमर/सप्लायर, एक बैंक।
3. रोज़ 30–45 मिनट: 10–15 एंट्री + 10 मिनट रिपोर्ट जाँच + 5 मिनट बैकअप।
4. हफ्ते में एक दिन: एरर-हंट – जानबूझकर 3–4 गलतियाँ डालें और ढूँढकर सुधारें।
5. महीने के अंत में: क्लोजिंग समरी – P\&L, स्टॉक वैल्यूएशन, GST समरी, बैंक Reco, Outstanding रिपोर्ट।
Is Tally necessary for everyone? क्या टैली सभी के लिए ज़रूरी है?
जरूरी: जिनका काम अकाउंटिंग/बिलिंग/स्टॉक/GST से जुड़ा है।
कम ज़रूरी: शुद्ध क्रिएटिव/डेवलपमेंट प्रोफाइल (जब तक बिज़नेस/फ्रीलांस
अकाउंट्स खुद नहीं संभालने)।
पर बेसिक समझ हर उद्यमी/फ्रीलांसर के लिए फायदेमंद है—खर्च, टैक्स और कैश-फ्लो पर पकड़ रहती है।
मिनी-FAQ
प्र. टैली प्राइम और ERP 9 में क्या फर्क?
टैली प्राइम नया और ज्यादा यूज़र-फ्रेंडली इंटरफ़ेस, बेहतर सर्च/नेविगेशन, अपडेटेड कम्प्लायंस फीचर्स देता है। सीखना हो तो टैली
प्राइम से शुरू करें।
प्र. बिना अकाउंटिंग बैकग्राउंड के सीख सकते हैं?
हाँ। 7–10 दिन बेसिक कॉन्सेप्ट
(डेबिट/क्रेडिट, लेजर, वाउचर) समझ लें, फिर रोज़ प्रैक्टिस करें—हाथ बैठ जाता है।
प्र. कितने समय में जॉब-रेडी?
रोज़ाना अभ्यास से 4–6 हफ्तों में एंट्री-लेवल रोल के लिए तैयार हो सकते हैं; GST/पेरोल जोड़ेंगे तो और मजबूत बनेंगे।
conclusion निष्कर्ष
कौन सीखे? – छात्र, जॉब-सीकर, दुकानदार/स्टार्टअप, फ्रीलांसर—जिसे भी बिलिंग, स्टॉक और टैक्स का काम है।
क्यों? – तेज़ बुक-कीपिंग, आसान GST, मजबूत रिपोर्टिंग, बेहतर जॉब-प्रोस्पेक्ट्स।
कैसे? – 30-दिन रोडमैप से
प्रैक्टिकल-फर्स्ट अभ्यास, मॉक कंपनी बनाकर
रोज़ 10–15 एंट्री।
अगला कदम – आज ही कम्पनी बनाइए, 5 लेजर + 5 स्टॉक आइटम सेट कीजिए और
10 एंट्री डालकर P&L/स्टॉक समरी देखिए—सीखना शुरू!
अगर आपको इस पोस्ट से कुछ सिखने को मिला हो तो अपने दोस्तों से के साथ भी सेयर जरुर करें
धन्यवाद !
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