what is tally - Education Field Hindi

what is tally - Education Field Hindi आज के आधुनिक व्यापारिक युग में जहाँ हर सेकंड का हिसाब रखना ज़रूरी हो गया है, वहाँ लेखा-जोखा (Accounting) और

what is tally

आज के आधुनिक व्यापारिक युग में जहाँ हर सेकंड का हिसाब रखना ज़रूरी हो गया है, वहाँ लेखा-जोखा (Accounting) और वित्तीय प्रबंधन (Financial Management) का महत्व और भी बढ़ गया है। पहले जहाँ व्यापारी कागज़ की बहीखातों में अपने लेन-देन लिखा करते थे, वहीं अब यह जिम्मेदारी कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर ने ले ली है।

इन्हीं सॉफ्टवेयरों में सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद नाम है टैली (Tally)। टैली ने न केवल लेखांकन की प्रक्रिया को आसान बनाया, बल्कि टैक्स, इन्वेंट्री और बिज़नेस मैनेजमेंट को भी सरल और व्यवस्थित कर दिया। 1986 में शुरू हुआ यह सॉफ्टवेयर आज हर छोटे-बड़े व्यापार का अभिन्न हिस्सा बन गया है।

तो चलिए what is tally इसके बारे में पढ़ना शुरू करते है -


what is tally टैली क्या है?

टैली (Tally)  एक ERP (Enterprise Resource Planning) और अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है, जिसे विशेष रूप से अकाउंटिंग, इन्वेंट्री मैनेजमेंट, टैक्सेशन, पेरोल और बिज़नेस ऑपरेशन्स को संभालने के लिए बनाया गया है।

यह भारत समेत पूरी दुनिया में छोटे, मध्यम और बड़े व्यापारों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।

 ERP का मतलब है Enterprise Resource Planning यानी ऐसा सॉफ्टवेयर जो किसी कंपनी के सभी संसाधनों (Resources) जैसे वित्त (Finance), स्टॉक (Inventory), कर्मचारी (Payroll) और टैक्सेशन को एक ही जगह से मैनेज कर सके।

टैली छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े उद्योगों तक सभी के लिए उपयुक्त है।

आज टैली का नवीनतम संस्करण TallyPrime है, जिसे 2020 में लॉन्च किया गया।

 when and how tally was founded ( कैसे और कब हुई थी टैली की खोज)

टैली का इतिहास केवल एक सॉफ्टवेयर का इतिहास नहीं, बल्कि भारतीय व्यवसायों के डिजिटलीकरण की एक कहानी है। 

टैली की खोज 1986 में हुई थी, श्री श्याम सुन्दर गोयनका, कोलकता से बैंगलोर चले गए। उस समय श्री श्याम सुंदर गोयंका बैंगलोर में एक टेक्सटाइल बिज़नेस चला रहे थे।उन्हें अपने व्यापार का हिसाब-किताब रखने में कठिनाई हो रही थी, क्योंकि मैनुअल एंट्री और पारंपरिक लेखा प्रणाली में बहुत समय लगता था। जो कपड़ा मिलो को कच्छा माल और मशीनरी की आपूर्ति करता था| अपने व्यवसाय के दौरान श्री श्याम सुन्दर गोयनका, लेखांकन (Accounting) के कार्यों को स्वचालित करना कहते थे,लेकिन उन्होंने पाया की मौजूदा लेखांकन बहुत जटिल और उपयोग में कठिन था|

अपने लेखांकन कार्यों को सरल करने के लिए अपने बेटे श्री भरत गोयनका, को एक लेखांकन समाधान विकसित करने का सुझाव दिया| 

इसी समस्या को हल करने के लिए उनके बेटे भारत गोयनका, जो प्रोग्रामिंग और कंप्यूटर में निपुण थे, ने एक बेसिक अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर बनाया। इस सॉफ्टवेयर का नाम रखा गया Peutronics Financial Accountant। बाद में यही सॉफ्टवेयर विकसित होकर टैली बना।

टैली का विकास क्रम (Versions of Tally)

टैली के विकास को समझने के लिए इसके वर्ज़न को देखना ज़रूरी है:

1. Tally 4.5 (1990)–   यह पहला संस्करण था जो MS-DOS पर चलता था।इसमें केवल बेसिक अकाउंटिंग की सुविधाएँ थीं।

2. Tally 5.4 (1996) – यह Windows आधारित संस्करण था।  इसमें इन्वेंट्री मैनेजमेंट और कलर इंटरफ़ेस दिया गया।

3. Tally 6.3 (2001)–   इसमें VAT (Value Added Tax) सपोर्ट जोड़ा गया।  साथ ही Windows XP सपोर्ट और प्रिंटिंग सुविधा।

4. Tally 7.2 (2005) – इसमें VAT, TDS, TCS** जैसी सुविधाएँ आईं। यह अकाउंटिंग के साथ टैक्सेशन के लिए भी लोकप्रिय हुआ।

5. Tally 8.1 (2006)– इसमें नया डेटा स्ट्रक्चर और कुछ आधुनिक फीचर्स लाए गए।

6. Tally 9 (2006)– इसमें Payroll, Excise, Multilingual Support जैसी सुविधाएँ दी गईं।

7. Tally ERP 9 (2009) – यह टैली का सबसे लोकप्रिय और लंबे समय तक चलने वाला संस्करण रहा। इसमें GST सपोर्ट, रिमोट एक्सेस, डेटा सिक्योरिटी जैसी खूबियाँ जोड़ी गईं।

8. TallyPrime (2020) – यह नवीनतम और आधुनिक संस्करण है। इसमें नया यूज़र इंटरफ़ेस, तेज़ रिपोर्टिंग, GST-ready सिस्टम और क्लाउड सपोर्ट है।

टैली की विशेषताएँ (Features of Tally)

1.अकाउंटिंग (Accounting)

लेजर, जर्नल, कैश बुक, बैंक बुक, ट्रायल बैलेंस, बैलेंस शीट आदि।

2.इन्वेंट्री मैनेजमेंट (Inventory Management)

 स्टॉक ट्रैकिंग, बैच-वाइज रिपोर्टिंग, गोदाम प्रबंधन, उत्पादन और वितरण।3. बैंकिंग सुविधा (Banking Features)

चेक प्रिंटिंग, ई-पेमेंट, बैंक रिकंसीलेशन।

4. टैक्सेशन (Taxation)

GST, VAT, Excise Duty, Service Tax, TDS और TCS की सुविधाएँ।

5.पेरोल मैनेजमेंट (Payroll Management)

   कर्मचारी का वेतन, PF, ESI, बोनस, लोन आदि।

6. रिपोर्टिंग (Reporting)

 त्वरित रिपोर्टिंग – बैलेंस शीट, प्रॉफिट & लॉस, कैश फ्लो, रेश्यो एनालिसिस।

7. सुरक्षा (Security)

यूज़र लेवल सिक्योरिटी, पासवर्ड प्रोटेक्शन, डेटा बैकअप और रिकवरी।

8. मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट

टैली 10 से अधिक भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।

9. रिमोट एक्सेस

    इंटरनेट के माध्यम से कहीं से भी टैली का उपयोग किया जा सकता है।

Importance of Tally टैली का महत्व

1. छोटे व्यापार से लेकर बड़े उद्योग तक **लेखा-जोखा संभालने का सबसे आसान तरीका।

2. भारत में GST आने के बाद टैली की उपयोगिता और भी बढ़ गई।

3. समय और लागत दोनों की बचत करता है।

4. तेज़, सटीक और विश्वसनीय रिपोर्टिंग प्रदान करता है।

5. ऑडिट और टैक्स रिटर्न फाइल करने में सहायक।

Where is tally used? टैली का उपयोग कहाँ होता है?

व्यापारिक कंपनियाँ (Trading Firms)

उद्योग (Manufacturing Units)

बैंकिंग और वित्तीय संस्थान

रिटेल शॉप और सुपरमार्केट

चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) और टैक्स कंसल्टेंट

शैक्षिक संस्थान (Schools, Colleges) फीस और वेतन प्रबंधन

हॉस्पिटल और NGO

Importance of Learning Tally टैली सीखने का महत्व

आज लगभग हर अकाउंटिंग और फाइनेंस जॉब में टैली की मांग होती है।

नौकरी के अवसर: अकाउंटेंट, ऑडिटर, टैक्स कंसल्टेंट, फाइनेंस मैनेजर।

उद्यमियों और व्यापारियों के लिए: अपना खुद का अकाउंट संभालने में मदद।

छात्रों के लिए: कैरियर में एक अतिरिक्त स्किल।

Advantages of Tally टैली के फायदे 

1. सरल और उपयोग में आसान।

2. समय और श्रम की बचत।

3. टैक्सेशन और कानूनी अनुपालन आसान।

4. डेटा सिक्योरिटी और बैकअप।

5. तेज़ और सटीक रिपोर्टिंग।

6. मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट।

7. छोटे से बड़े व्यापार तक स्केलेबल।

Limitations of Tally टैली की सीमाएँ 

1. केवल अकाउंटिंग और बिज़नेस पर केंद्रित – बड़े ERP जैसे SAP की तरह सभी क्षेत्रों में उतना गहरा नहीं।

2. बहुत बड़े बहुराष्ट्रीय संगठनों के लिए सीमित।

3. क्लाउड-आधारित सुविधाएँ अब तक सीमित रूप में उपलब्ध।

Present and future of Tally टैली का वर्तमान और भविष्य

वर्तमान में TallyPrime सबसे नया संस्करण है।

 यह GST-ready, Modern UI और Cloud Support के साथ आता है।

भविष्य में टैली को पूरी तरह क्लाउड आधारित, मोबाइल फ्रेंडली और AI-सपोर्टेड बनाया जा रहा है।

Conclusion निष्कर्ष

टैली एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसने भारत के व्यापार जगत में डिजिटल क्रांति ला दी। 1986 में एक साधारण अकाउंटिंग प्रोग्राम से शुरू होकर यह आज दुनिया के सबसे लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर में गिना जाता है।

इसकी खासियत है –सरलता, विश्वसनीयता और भारत की आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलन।

आज अगर आप अकाउंटिंग, फाइनेंस या बिज़नेस मैनेजमेंट में कैरियर बनाना चाहते हैं, तो टैली सीखना लगभग अनिवार्य हो चुका है।

टैली ने सचमुच “बहीखाता” की परंपरा को डिजिटल रूप में बदल दिया है।


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